संगणक म्हणजे काय ?
संगणकाला इंग्लिश मध्ये कॉम्प्युटर (Computer) असे म्हणतात. 'Computer' हा शब्द 'compute' ( कोम्प्युट) या इंग्लिश क्रिया पदा पासून बनला आहे. COMPUTER म्हणजे आकडे मोड़ किवा गणना करणे.५० वर्षा पूर्वी जेव्हा कॉम्प्युटर या शब्द प्रचलित झाला तेव्हा संगणक या यंत्राचा वापर मुख्यत आकडे मोड़ करण्यासाठीच केला जात असे, परन्तु दिवसोंन दिवस या यंत्रात अनेक सुधारणा होत गेल्या व अलीकड़े संगणकाचा वापर तर अनेक प्रकारे होवू लागला आहे. उदा . माहिती पाठवणे , तिचे वर्गीकरण करणे इतकेच नाही तर ध्वनी निर्मिती , चित्रीकरण अन्य असख्य कामासाठी संगणकाचा वापर होवू लागला आहे. थोडक्यात सांगायचे झाले तर संगणक हे माहिती स्वीकारणारे , दिलेल्या सूचना नुसार माहिती प्रक्रिया करून अचूक उत्तर देणारे वेगवान इलेक्ट्रोनिक्स यंत्र आहे .
कंप्यूटर का इतिहास

1822 में चार्ल्स बेबेज ने सबसे पहले Digital Computer बनाया
1822 में चार्ल्स बेबेज ने सबसे पहले Digital Computer बनाया पास्कलिन से प्रेरणा लेकर डिफ्रेन्सियल और एनालिटीकल एनिंजन का अविष्कार किया, उन्होंने 1937 में स्वचालित कंप्यूटर की परिकल्पना की जिसमे कृत्रिम स्मृति तथा प्रोग्राम के अनुरूप गणना करने की क्षमता हो, किन्तु हथर्न होलेरीथ ने भी पूरा किया ! पंचकार्ड की मदद से सारा कार्य खुद ही करने इलेक्ट्रोनिक टेबूलेशन मशीन का निर्माण किया गया! मतलब प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में Vacuum Tube या Vacuum Valve का प्रयोग हुआ.
1948 में Valve की जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा ! इससे Vacuum Tube में होने वाले श्योर में पैदा होने वाली गर्मी से निजात पाया जा सका ! इसमें का खर्चीले और कम जगह घेरने वाले कंप्यूटर का निर्माण संभव हो सका !
1958 में ट्रांजिस्टर के स्थान पर सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग कंप्यूटर के क्षेत्र में किया जाने लगा | इसने कंप्यूटर के क्षेत्र में मूलभूत परिवर्तन तथा एक नयी क्रांति ला दी जिसको कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी कहा गया ! सिलकोन चिप निर्मित कंप्यूटर का आकार अत्यंत छोटा होने के कारण इन्हें मिनी कंप्यूटर कहा जाने लगा.

वैक्यूम टूयूब्स (1940 - 1956) : इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को नियंत्रण और प्रसारित करने हेतु वैक्यूम टूयूब्स का उपयोग किया गया इसमें भरी भरकम कंप्यूटर का निर्माण हुआ किन्तु सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की परिकल्पना साकार हुई | ये टूयूब्स के आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमे टूट-फुट तथा ज्यादा खराबी होने की संभावना रहती थी और इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे.

ट्रांजिस्टर (1956 - 1963) : में ट्रांजिस्टर का आविष्कार हुआ | इस दौरान के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टरों का एक साथ प्रयोग किया जाने लगा था, जो वाल्व्स की अपेक्षा अधिक सक्षम और सस्ते होते थे | जिन्हें कंप्यूटर निर्माण हेतु वैक्यूम टूयूब्स के स्थान पर उपयोग किया जाने लगा | ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम टूयूब्स की तुलना में काफी छोटा होता है | जिससे कंप्यूटर छोटे तथा उनकी गणना करने की क्षमता अधिक और तेज | पहली पीढ़ी की तुलना में इनका आकार छोटा और कम गर्मी उत्पन्न करने वाले तथा अधिक कार्यक्षमता व तेज गति के गणना करने में सक्षम थे.
कंप्यूटर विकास की तीसरी पीढ़ी
इंटीग्रेटेड सर्किट (1964 - 1971) : इस अवधि के कंप्यूटरो का एक साथ प्रयोग किया जा सकता था. यह समकालित चिप विकास की तीसरी पीढ़ी का महत्वपूर्ण आधार बनी, कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनिकी प्रयास किये जाते रहे जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा ! जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर अब तक के सबसे छोटे आकार का उत्पादन करना संभव हो सका ! इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सका.
इंटीग्रेटेड सर्किट (1964 - 1971) : इस अवधि के कंप्यूटरो का एक साथ प्रयोग किया जा सकता था. यह समकालित चिप विकास की तीसरी पीढ़ी का महत्वपूर्ण आधार बनी, कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनिकी प्रयास किये जाते रहे जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा ! जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर अब तक के सबसे छोटे आकार का उत्पादन करना संभव हो सका ! इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सका.
कंप्यूटर विकास की चोथी पीढ़ी :-
माइक्रोप्रोसेसर (1971 - 1985) : चोथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया ! वी.एस.एल.आई. की प्राप्ति से एकल चिप हजारों ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे.
माइक्रोप्रोसेसर (1971 - 1985) : चोथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया ! वी.एस.एल.आई. की प्राप्ति से एकल चिप हजारों ट्रांजिस्टर लगाए जा सकते थे.
कंप्यूटर विकास की पांचवी पीढ़ी:-
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस: विकास की इस पांचवी अवस्था में कंप्यूटरों में कृत्रीम बुद्धि का निवेश किया गया है ! इस तरह के कंप्यूटर अभी पूरी तरह से विकशित नहीं हुए है ! इस तरह के कंप्यूटरों को हम रोबोट और विविध प्रकार के ध्वनि कार्यकर्मो में देख सकते है ! ये मानव से भी ज्यादा सक्षम होगा.
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस: विकास की इस पांचवी अवस्था में कंप्यूटरों में कृत्रीम बुद्धि का निवेश किया गया है ! इस तरह के कंप्यूटर अभी पूरी तरह से विकशित नहीं हुए है ! इस तरह के कंप्यूटरों को हम रोबोट और विविध प्रकार के ध्वनि कार्यकर्मो में देख सकते है ! ये मानव से भी ज्यादा सक्षम होगा.